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Kuch Diary Se
Mukund Bhatt
Kuch Diary Se
Mukund Bhatt
हम हर दिन कई लोगों से मिलते हैं। वक़à¥à¤¤ के साथ इनमें से कà¥à¤› हमारे ज़हन में बस जाते हैं और हमारे पास हमेशा के लिठरह जाते हैं, लेकिन इनमें से कà¥à¤› हमें हलà¥à¤•à¥‡ से छू कर, अपनी à¤à¤• निशानी, à¤à¤• महक हम पर छोड़ जाते हैं। जो पास रहते हैं, वो तो खैर हमारे ख़यालों का à¤à¤• बड़ा हिसà¥à¤¸à¤¾ ले ही लेते हैं। पर वो जो हमसे दूर रहते हैं, वो à¤à¥€ हमारी यादों और कà¥à¤› पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ बिताठपलों में काबिज़ रहते हैं। इस किताब के ज़रिये मैंने उन सà¤à¥€ यादों और जज़à¥à¤¬à¤¾à¤¤à¥‹à¤‚ को आपके सामने रखने की कोशिश की है ताकि à¤à¤¸à¥€ ही कà¥à¤› बेघर यादों और पलों को आपके ज़हन, आपके दिल में à¤à¤• नयी जगह मिले। यक़ीनन मेरे इन लफ़à¥à¥›à¥‹à¤‚ को हर कोई अलग अलग नज़रिये से देखेगा और समà¤à¥‡à¤—ा, पर ये à¤à¥€ सच है कि इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पॠकर आपको आपके ज़हन की तह में छà¥à¤ªà¥‡ उस शखà¥à¤¸ की याद ज़रूर आà¤à¤—ी जो शायद आपके साथ आपकी ज़िनà¥à¤¦à¤—ी के सफर में तो नहीं है, पर आपकी यादों के à¤à¤• हिसà¥à¤¸à¥‡ में ज़रूर शामिल है।
Media | Books Paperback Book (Book with soft cover and glued back) |
Released | September 6, 2019 |
ISBN13 | 9781646508020 |
Publishers | Notion Press |
Pages | 68 |
Dimensions | 127 × 203 × 4 mm · 81 g |
Language | Hindi |
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